भारत में जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) एक बेहद जरूरी दस्तावेज़ है। यह न केवल बच्चे की पहचान और जन्म की तारीख का प्रमाण देता है बल्कि स्कूल एडमिशन, सरकारी योजनाओं, आधार कार्ड, पासपोर्ट, और कई कानूनी कामों में इसकी आवश्यकता पड़ती है। कई बार जन्म अस्पताल में होता है और वहीं से प्रमाण पत्र आसानी से मिल जाता है, लेकिन अगर जन्म घर पर हुआ हो या पहले जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनवाया गया हो, तो लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि इसे कैसे बनवाया जाए।
आइए जानते हैं पूरी प्रक्रिया विस्तार से। अगर बात की जाए अभी के समय की तो आप बिना डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र के अपने बच्चे का आधार कार्ड नही बनवा सकते है जो को सबसे ख़ास दस्तावेज है.

जन्म प्रमाण पत्र क्यों जरूरी है?
जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) वह सरकारी दस्तावेज है जिसमें किसी व्यक्ति की जन्म तारीख, जन्म स्थान और माता-पिता का नाम दर्ज होता है। यह प्रमाण पत्र कई कामों में जरूरी है जैसे:
- स्कूल या कॉलेज में एडमिशन
- आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट बनवाने के लिए
- सरकारी नौकरी या स्कॉलरशिप के लिए
- सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए
- शादी के समय उम्र का प्रमाण देने के लिए
👉 इसलिए हर बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना बहुत जरूरी है।
जन्म प्रमाण पत्र कौन बनवाता है?
अगर बच्चा अस्पताल में पैदा हुआ है तो अस्पताल ही जन्म की सूचना नगर निगम या पंचायत को भेज देता है और वहीं से जन्म प्रमाण पत्र बन जाता है। अगर बच्चा घर पर पैदा हुआ है या फिर किसी कारण से पहले जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनवाया गया तो इसकी जिम्मेदारी परिवार वालों की होती है।
जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के दो तरीके
- अगर जन्म अस्पताल में हुआ है
अस्पताल से छुट्टी मिलने पर आपको डिस्चार्ज पर्ची दी जाती है।इस पर्ची के साथ बच्चे का जनाधार कार्ड और माता-पिता का आधार कार्ड लगाकर अस्पताल प्रशासन से संपर्क करें। अस्पताल का स्टाफ आपके बच्चे की जन्म एंट्री सरकारी रजिस्टर में कर देगा। इसके बाद आपका जन्म प्रमाण पत्र कुछ ही दिनों में तैयार हो जाएगा और आप इसे पंचायत/नगर निगम से ले सकते हैं।
- अगर जन्म घर पर हुआ है या पुराना केस है
अक्सर गांवों और कस्बों में बच्चे का जन्म घर पर होता है। कभी-कभी लोग उस समय जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनवाते, और बाद में जरूरत पड़ती है। ऐसे मामलों में प्रक्रिया थोड़ी लंबी होती है, लेकिन आसान है।
जरूरी दस्तावेज
- बच्चे/व्यक्ति का आधार कार्ड (अगर उपलब्ध हो, वरना जनाधार या अन्य आईडी)।
- परिवार या रिश्तेदारों के दो गवाहों के आधार कार्ड (ध्यान रहे – गवाहों की उम्र जन्म की तारीख से कम से कम 18 साल ज्यादा होनी चाहिए)।
- आवेदन फॉर्म (ई-मित्र से मिलेगा)।
प्रक्रिया स्टेप-बाय-स्टेप
स्टेप 1: आवेदन फॉर्म प्राप्त करें
- नजदीकी ई-मित्र केंद्र से जन्म प्रमाण पत्र का आवेदन फॉर्म लें।
- फॉर्म को ध्यान से भरें। (नाम, माता-पिता का नाम, जन्म तारीख, जन्म स्थान इत्यादि जानकारी सही लिखें)।
स्टेप 2: दस्तावेज़ संलग्न करें
- फॉर्म के साथ बच्चे का आधार/जनाधार कार्ड और दो गवाहों के आधार कार्ड लगाएं।
स्टेप 3: ग्राम पंचायत में सत्यापन
इनके हस्ताक्षर होंगे-
- फॉर्म लेकर ग्राम सरपंच के पास जाएं और उनसे हस्ताक्षर करवाएं।
- इसके बाद ग्राम सेवक/सचिव से भी सिग्नेचर करवाएं।
स्टेप 4: पंचायत समिति में जमा करें
- पूरा फॉर्म लेकर पंचायत समिति जाएं।
- वहां जन्म-मृत्यु रजिस्टर में आपका रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा।
स्टेप 5: नोटरी करवाएं
- आवेदन फॉर्म को नोटरी से सत्यापित (Notary Attested) करवाना जरूरी है।
- इसके बाद फॉर्म को वापस ग्राम पंचायत में जमा करें।
स्टेप 6: कंप्यूटर एंट्री
- पंचायत का कंप्यूटर ऑपरेटर आपके आवेदन को ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज करेगा।
- आमतौर पर 5 से 7 दिन के भीतर जन्म प्रमाण पत्र तैयार हो जाएगा।
स्टेप 7: प्रमाण पत्र प्राप्त करें
- तय समय के बाद ग्राम पंचायत/नगर निगम से जन्म प्रमाण पत्र ले सकते हैं।
- कई राज्यों में आप इसे ऑनलाइन पोर्टल से भी डाउनलोड कर सकते हैं।
कब और कितने समय में बनवाना चाहिए?
बच्चे का जन्म होते ही 21 दिनों के भीतर जन्म की सूचना देनी जरूरी है। अगर 21 दिन से ज्यादा समय हो जाता है तो प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो जाती है और अतिरिक्त दस्तावेज़ मांगे जा सकते हैं। ज्यादा देर से आवेदन करने पर कभी-कभी अफिडेविट (शपथ पत्र) भी लगाना पड़ता है।
फीस कितनी लगती है?
- समय पर (21 दिन के अंदर) जन्म प्रमाण पत्र बनवाने पर कोई शुल्क नहीं लगता।
- देरी होने पर पेनल्टी लग सकती है, जो अलग-अलग राज्य में अलग होती है (₹10 से ₹100 तक)।
- नोटरी और अफिडेविट पर अलग से खर्च हो सकता है।
महत्वपूर्ण बातें जो ध्यान रखें
- सभी दस्तावेजों पर नाम और जन्म तारीख एक जैसी होनी चाहिए।
- गवाह वही बनाएं जो परिवार से संबंधित हों और 18 साल बड़े हों।
- फॉर्म भरते समय कोई गलती न करें, वरना जन्म प्रमाण पत्र गलत बन सकता है।
- अगर कोई त्रुटि हो जाए तो बाद में सुधार (Correction) भी कराया जा सकता है।
निष्कर्ष
- जन्म प्रमाण पत्र बनवाना कोई मुश्किल काम नहीं है।
- अगर बच्चा अस्पताल में पैदा हुआ है तो वहां से प्रक्रिया बहुत आसान है।
- अगर जन्म घर पर हुआ है या पुराना केस है तो ई-मित्र और पंचायत समिति की मदद से जन्म प्रमाण पत्र आसानी से बनवाया जा सकता है।
- याद रखें – जन्म प्रमाण पत्र सिर्फ एक कागज नहीं है, बल्कि यह आपके जीवन के हर सरकारी और कानूनी काम के लिए एक सबसे महत्वपूर्ण पहचान पत्र है।
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