भारत में मूल निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र दो बेहद महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज़ हैं। इनकी आवश्यकता स्कूल/कॉलेज एडमिशन, सरकारी नौकरी, स्कॉलरशिप, और सरकारी योजनाओं में होती है। लेकिन विवाहित महिलाओं के लिए अक्सर यह सवाल उठता है कि – मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र पीहर से बनेगा या ससुराल से? इस आर्टिकल में हम इसी कन्फ्यूजन को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे कि कौन सा प्रमाण पत्र कहाँ से बनेगा और इसके लिए किन दस्तावेज़ों की जरूरत होती है।

विवाहित महिला का मूल निवास प्रमाण पत्र
मूल निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate) किसी व्यक्ति के स्थायी निवास का प्रमाण होता है।
मूल निवास कहाँ से बनेगा?
सामान्यत: विवाहित महिला का मूल निवास पीहर से ही बनता है।
ससुराल से मूल निवास तभी बनेगा जब महिला को वहाँ रहते हुए 10 साल से अधिक समय हो गया हो और उसके पास 10 साल पुराना पहचान पत्र (जैसे वोटर आईडी, राशन कार्ड, बिजली बिल आदि) उपलब्ध हो।
प्रक्रिया (पीहर से) मूल निवास बनवाने की-
- ई-मित्र या तहसील से मूल निवास का आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
- फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरें और “वैवाहिक स्थिति” (Married) का विकल्प चुनें।
- आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें (नीचे देखें)।
- सक्षम अधिकारी (तहसीलदार/SDO) फॉर्म की जाँच और सत्यापन करेंगे।
- सत्यापन के बाद मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
- जरूरी दस्तावेज़ (मूल निवास के लिए)
- आवेदिका का आधार कार्ड / जनाधार कार्ड
- विवाह प्रमाण पत्र (Marriage Certificate)
- पिता की जमाबंदी / भूमि रिकॉर्ड / पीहर से संबंधित निवास प्रमाण
- पति का 10 साल पुराना वोटर आईडी (यदि ससुराल से बनवाना हो)
- अन्य सामान्य दस्तावेज़ जैसे फोटो, शपथ पत्र आदि
विवाहित महिला का जाति प्रमाण पत्र
जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate) किसी व्यक्ति की जाति का सरकारी प्रमाण होता है। यह सरकारी योजनाओं, आरक्षण, छात्रवृत्ति और नौकरी में जरूरी होता है।
जाति प्रमाण पत्र कहाँ से बनेगा?
विवाहित महिला का जाति प्रमाण पत्र हमेशा पीहर से ही बनता है। इसका कारण है कि जाति का निर्धारण जन्म से होता है और विवाह के बाद भी महिला की जाति उसके पीहर (पिता के परिवार) से ही मानी जाती है।
प्रक्रिया (पीहर से) जाति प्रमाण पत्र बनवाने की
- ई-मित्र या तहसील से जाति प्रमाण पत्र का फॉर्म लें।
- फॉर्म भरते समय स्थायी पता (Permanent Address) में पीहर का पता दर्ज करें।
- वर्तमान पता (Present Address) में ससुराल का पता लिख सकते हैं।
- फॉर्म पीहर की तहसील/SDO ऑफिस में जमा करें।
- सत्यापन के बाद जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
- जरूरी दस्तावेज़ (जाति प्रमाण पत्र के लिए)
- आवेदिका का आधार कार्ड
- पिता का जाति प्रमाण पत्र (या परिवार का कोई वैध जाति प्रमाण)
- मूल निवास प्रमाण पत्र (पीहर से)
- विवाह प्रमाण पत्र (सहायक दस्तावेज़ के रूप में)
- पति का आधार कार्ड / वोटर आईडी (वर्तमान पते के लिए)
- फोटो और शपथ पत्र
ध्यान रखने योग्य बातें
मूल निवास:
- विवाह के बाद भी महिला का मूल निवास पीहर से ही बनेगा।
- अगर महिला को ससुराल में रहते हुए 10 साल से अधिक हो गया है और उसके पास पुराने पहचान पत्र मौजूद हैं, तो वह ससुराल से भी बनवा सकती है।
जाति प्रमाण पत्र:
- जाति का निर्धारण जन्म से होता है, इसलिए यह हमेशा पीहर से ही बनता है।
- आवेदन करते समय स्थायी पता पीहर का और वर्तमान पता ससुराल का लिखना चाहिए।
निष्कर्ष
विवाहित महिलाओं के लिए मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र को लेकर अक्सर भ्रम रहता है। लेकिन नियम बिल्कुल साफ हैं –
- मूल निवास प्रमाण पत्र → पीहर से बनेगा, और अगर ससुराल में 10 साल से ज्यादा रह चुकी हैं तो ससुराल से भी बन सकता है।
- जाति प्रमाण पत्र → हमेशा पीहर से ही बनेगा।
- इस तरह आप सही जगह पर आवेदन करके बिना किसी परेशानी के अपने दस्तावेज़ बनवा सकती हैं।
तो उम्मीद करूँगा आपको हमारा ये पोस्ट पसंद आया होगा और दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी.
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