स्मार्ट मीटर या पुराने मीटर क्या है आपसे लिए बेस्ट – किसमे कम आएगा बिल सही से समझे

आजकल जगह-जगह स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। कई इलाकों में इसका काम पूरा हो चुका है और अब यह चर्चा का बड़ा विषय बन गया है। बहुत से लोग स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे हैं और कहते हैं कि इससे बिल ज्यादा आता है या यह गलत रीडिंग दिखाता है।
तो आखिर स्मार्ट मीटर क्या है? पुराने (ओल्ड) मीटर से इसका फर्क क्या है? और क्या यह सच में ज्यादा बिल दिखाता है? आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर

स्मार्ट मीटर क्या है?

स्मार्ट मीटर बिजली का एक आधुनिक मीटर है, जिसमें एक सिम कार्ड लगा होता है। यह सिम किसी तरह का प्रीपेड मोबाइल सिम नहीं है, बल्कि यह पोस्टपेड सिस्टम है।

इसका मतलब है कि:

  • आपको रिचार्ज कराने की जरूरत नहीं है।
  • बिजली का बिल पहले की तरह हर महीने आएगा।
  • सिम का इस्तेमाल केवल रीडिंग का डेटा बिजली विभाग तक पहुंचाने के लिए होता है।

पुराने मीटर और स्मार्ट मीटर में फर्क

विशेषताओल्ड मीटरस्मार्ट मीटर
रीडिंग लेने का तरीकाकर्मचारी आकर मीटर पढ़ता हैसिम से डेटा ऑटोमैटिक विभाग तक जाता है
गड़बड़ी की संभावनालाइनमैन रीडिंग बदल सकता हैगड़बड़ी लगभग नामुमकिन
बिल जनरेशनमैन्युअल तरीके सेऑटोमेटिक और ट्रांसपेरेंट
फोटो प्रूफकई बार फोटो नहीं लिया जाता
डिजिटल रीडिंग सीधे भेजी जाती है

बहुत लोग शिकायत करते हैं कि स्मार्ट मीटर से बिल ज्यादा आता है।
असलियत यह है कि:

स्मार्ट मीटर और पुराने मीटर को जब पैरेलल में टेस्ट किया गया, तो दोनों ने सेम यूनिट कंज्यूम किए।

उदाहरण: अगर पुराने मीटर ने 134 यूनिट दिखाए, तो स्मार्ट मीटर ने भी बिल्कुल उतने ही दिखाए।

👉 यानी, स्मार्ट मीटर ज्यादा यूनिट नहीं गिनता।

फिर बिल ज्यादा क्यों आता है?

पुराने बकाया बिल का एडजस्ट होना –
जब नया स्मार्ट मीटर लगाया जाता है, तो ओल्ड मीटर की पेंडिंग यूनिट्स भी इसमें जोड़ दी जाती हैं। अगर आपका ₹10,000–₹20,000 का पुराना बकाया है, तो वह एक साथ आ जाता है।

लाइनमैन की मदद से पहले कम बिल आना –
पहले लोग लाइनमैन को पैसे देकर रीडिंग कम दिखवा लेते थे। स्मार्ट मीटर में यह संभव नहीं है, क्योंकि रीडिंग सीधे विभाग तक जाती है।

वास्तविक खपत का आना –
अब जितनी यूनिट बिजली आप खर्च करेंगे, उतना ही बिल आएगा। छुपाने की कोई गुंजाइश नहीं है।

स्मार्ट मीटर के फायदे

बिलिंग में पारदर्शिता और गड़बड़ी खत्म।

घर पर कोई कर्मचारी रीडिंग लेने नहीं आएगा।

आपका बिल ऑटोमेटिक जनरेट होकर मोबाइल या पोर्टल पर आ जाएगा।

बिजली विभाग का समय और पैसा दोनों बचेंगे।

ग्राहक भी अपनी खपत को ऑनलाइन आसानी से ट्रैक कर सकेंगे।

निष्कर्ष

स्मार्ट मीटर से बिल ज्यादा आता है—यह सिर्फ एक भ्रांति है।
असल में बिल ज्यादा आने की वजह पुराने बकाया जोड़ना और पहले की गड़बड़ी बंद होना है।

👉 स्मार्ट मीटर पारदर्शिता और ईमानदारी लाने वाला कदम है। अगर आप बिजली का सही उपयोग करेंगे और समय पर बिल भरेंगे तो स्मार्ट मीटर से आपका कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि सुविधा ही होगी।

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