नमस्कार स्वागत है आप सबका आपके अपने ब्लॉग पर । सरकार की और से समय समय पर लोगो के लिए कई प्रकार की कल्याणकरि स्किम लाए जाती है। उसी कड़ी में आप देखे तो PM Vishwakarna योजना भी लोगो के लिए काफी फायदेमंद रह रही है। आज के पोस्ट में हम इस योजना से जुडी समस्त जानकरी आपके साथ साझा करेंगे और उम्मीद करेंगे की आपको ये जानकारी जरूर पसंद आएगी ।

क्या आप एक पारंपरिक कारीगर हैं और अपने काम को बढ़ावा देना चाहते हैं? 🛠️ तो पीएम विश्वकर्मा योजना आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है। इस योजना का लक्ष्य कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक मदद, कौशल प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरण देकर सशक्त बनाना है। यह ब्लॉग पोस्ट आपको इस योजना से जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकारी देगा, जैसे कि कौन आवेदन कर सकता है, क्या लाभ मिलेंगे, और आवेदन की प्रक्रिया क्या है।
क्या है पीएम विश्वकर्मा योजना?
यह योजना भारत सरकार की एक पहल है जिसका कुल बजट ₹13,000 करोड़ है। इसका उद्देश्य अगले पाँच सालों में 30 लाख कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ पहुँचाना है, जिनमें से 15 लाख को ऋण सहायता दी जाएगी।
इस योजना के तहत, 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है, जैसे:
- बढ़ई (Carpenter)
- नाव निर्माता (Boat Maker)
- अस्त्रकार (Armourer)
- लोहार (Blacksmith)
- हथौड़ा और टूलकिट निर्माता (Hammer and Tool-Kit Maker)
- ताला बनाने वाले (Locksmith)
- सुनार (Goldsmith)
- कुम्हार (Potter)
- मूर्तिकार/पत्थर तराशने वाले (Sculptor/Stone Carver)
- मोची (Cobbler)
- राजमिस्त्री (Mason)
- बास्केट/चटाई/झाड़ू बनाने वाले (Basket/Mat/Broom Maker)
- गुड़िया और खिलौने बनाने वाले (Doll and Toy Maker)
- नाई (Barber)
- मालाकार (Garland Maker)
- धोबी (Washerman)
- दर्जी (Tailor)
- मछली का जाल बनाने वाले (Fishing Net Maker)
योजना के प्रमुख लाभ
पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को कई तरह के लाभ दिए जाते हैं:
1. प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड: सभी सफल आवेदकों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और एक आईडी कार्ड मिलेगा, जो उनकी पहचान और कौशल को प्रमाणित करेगा।
2. टूलकिट प्रोत्साहन: प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, कारीगरों को आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए ₹15,000 तक का ई-वाउचर दिया जाएगा। ये वाउचर केवल निर्दिष्ट केंद्रों पर ही उपयोग किए जा सकते हैं, जैसे कि दर्जी सिलाई मशीन खरीदने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
3. कौशल प्रशिक्षण (स्किल ट्रेनिंग): कारीगरों को उनके काम के अनुसार दो तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा:
- बुनियादी प्रशिक्षण: 5 से 7 दिन (40 घंटे) का प्रशिक्षण।
- उन्नत प्रशिक्षण: 15 दिन (120 घंटे) का प्रशिक्षण। प्रशिक्षण के दौरान, कारीगरों को प्रतिदिन ₹500 का वजीफा भी मिलेगा।
4. रियायती ऋण (Loan): जो कारीगर व्यवसाय के लिए ऋण चाहते हैं, उन्हें दो चरणों में रियायती दर पर ऋण दिया जाएगा:
- पहली किस्त: ₹1 लाख, जिसे 18 महीनों में 5% की रियायती ब्याज दर पर चुकाना होगा।
- दूसरी किस्त: ₹2 लाख, जिसे 30 महीनों में 5% की रियायती ब्याज दर पर चुकाना होगा।
5. डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन: कारीगरों को डिजिटल लेनदेन (UPI) करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रति माह 100 डिजिटल लेनदेन करने पर ₹1 प्रति लेनदेन का प्रोत्साहन मिलेगा।
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें हैं:
- आवेदक की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- आवेदक को 18 सूचीबद्ध व्यवसायों में से किसी एक में पारंपरिक कारीगर या शिल्पकार होना चाहिए।
- वह परिवार का एकमात्र सदस्य होना चाहिए जो इस योजना का लाभ ले रहा हो (राशन कार्ड में एक ही सदस्य आवेदन कर सकता है)।
- परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी सेवा में नहीं होना चाहिए।
- आवेदक ने पिछले 5 वर्षों में केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी स्वरोजगार योजना, जैसे PMEGP, PM SVANidhi या मुद्रा योजना, के तहत ऋण नहीं लिया हो।
- आवेदन करने के लिए कारीगर के पास अपना बचत खाता (Saving Account) होना चाहिए।
- यह योजना उन कारीगरों के लिए है जिनका अपना काम है, न कि जो किसी कंपनी या फैक्ट्री में काम करते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया क्या है?
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करना बिल्कुल मुफ्त है। आप अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- पंजीकरण: सबसे पहले, CSC पर अपने आधार कार्ड का उपयोग करके पंजीकरण करवाएं।
- फॉर्म भरना: पंजीकरण के बाद, आप स्वयं या CSC की मदद से फॉर्म भर सकते हैं।
- सत्यापन: फॉर्म भरने के बाद, यह तीन चरणों में सत्यापित होगा:
- ग्रामीण क्षेत्र: ग्राम पंचायत/सरपंच द्वारा सत्यापन।
- शहरी क्षेत्र: स्थानीय शहरी निकाय और जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा सत्यापन।
- स्क्रीनिंग समिति द्वारा अंतिम निरीक्षण।
आपका आवेदन स्वीकार होने के बाद, आपको प्रशिक्षण और अन्य लाभ मिलना शुरू हो जाएंगे। आप pmvishwakarma.gov.in की वेबसाइट पर जाकर अपने आवेदन की स्थिति भी देख सकते हैं।
एक ज़रूरी बात: इस योजना में ऋण (Loan) लेना अनिवार्य नहीं है। अगर आपको केवल टूलकिट, सर्टिफिकेट और ट्रेनिंग चाहिए, तो फॉर्म भरते समय ‘क्रेडिट सपोर्ट’ के विकल्प में “May Be Later” (शायद बाद में) चुन सकते हैं।
यह योजना न केवल कारीगरों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगी बल्कि उनके पारंपरिक कौशल को भी बढ़ावा देगी। यह एक सुनहरा अवसर है जिसे आप ज़रूर अपनाएं! तो अगर आप भी ईन डी गई किसी भी श्रेणी में आते है तो इस योजना का लाभ जरुर ले. अगर बात की जाए तो ये योजना एक तरह से लोगो को स्वरोजगार देने में काफी अहम कड़ी निभा रही है. कई ऐसे लोग है जिन्होंने इस योजना से लोन लेकर आपना एक बिजनेस खडा किया है.
5 महत्वपूर्ण सवाल-जवाब
सवाल: पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है?
जवाब: यह भारत सरकार की एक योजना है जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को कौशल प्रशिक्षण, रियायती ऋण और आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
सवाल: मुझे इस योजना से क्या लाभ मिल सकते हैं?
जवाब: आपको पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र, एक आईडी कार्ड, ₹15,000 का टूलकिट भत्ता, ₹500 प्रतिदिन के वजीफे के साथ प्रशिक्षण और 5% की रियायती दर पर ₹3 लाख तक का ऋण मिल सकता है।
सवाल: मैं इस योजना के लिए कैसे आवेदन कर सकता हूँ?
जवाब: आप अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर मुफ्त में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी।
सवाल: क्या सरकारी नौकरी करने वाले लोग भी आवेदन कर सकते हैं?
जवाब: नहीं, सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
सवाल: क्या लोन लेना ज़रूरी है?
जवाब: नहीं, लोन लेना अनिवार्य नहीं है। अगर आप केवल प्रशिक्षण और टूलकिट भत्ता चाहते हैं, तो आप बिना लोन के भी आवेदन कर सकते हैं।
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